30-03-14  ओम शान्ति    अव्यक्त बापदादा    मधुबन

“किसी भी वायुमण्डल को देखते बाप के स्नेह और सहयोग से आगे बढ़ते चलो, हर एक की विशेषता देखो, स्वयं भी तीव्र पुरुषार्थ के उमंग-उत्साह में रहो और साथियों को भी उमंग-उत्साह दिलाओ”

ओम शान्ति। आज बापदादा हर बच्चे में बापदादा से दिल का कितना प्यार है, वह प्यार की सूरतें हर एक बच्चे की शक्ल से देख रहे हैं। जितना बच्चों का प्यार बापदादा से है उससे ज्यादा हर बच्चे के लिए बाप के दिल में प्यार है। यह दिल का प्यार सभी बच्चों को यथा शक्ति चला रहा है, बापदादा देख रहे हैं हर बच्चे के अन्दर बाप से, बापदादा दोनों से दिल में बहुत-बहुत प्यार है। बापदादा को भी हर बच्चे के प्रति दिल में प्यार है। हर एक के दिल में बाप की यादप्यार समाई हुई है, यह अलौकिक प्यार हर एक को चला रहा है। चाहे कहाँ भी कितने भी बच्चे हैं लेकिन बापदादा के दिल का प्यार बच्चों को चला रहा है। हर एक बच्चा बापदादा के प्यार में, परिवार के प्यार में नम्बरवार चल रहे हैं। यह अलौकिक प्यार सारे कल्प में अब संगमयुग में ही अनुभव करते हो। बापदादा भी हर बच्चे के दिल का प्यार देखकर हर एक बच्चे के प्रति दिल की दुआयें देते हैं, बच्चे सदा दिल के दिलवर द्वारा दिल का प्यार लेते हुए आगे बढ़ते चलो। बापदादा के दिल का प्यार, परिवार के दिल का प्यार हर एक आत्मा को चला रहा है और चलाता रहेगा। बापदादा हर एक बच्चे के मस्तक की रेखाओं द्वारा जानते हैं कि बाप का प्यार कैसे हर एक बच्चे को चला रहा है। अभी बापदादा हर एक बच्चे को महावीर बन चलने की दुआयें दे रहे हैं। कभी भी थकना नहीं, घबराना नहीं बाप को हर बच्चा अति प्यारा है। यह प्यार ही आगे बढ़ा रहा है और आगे बढ़ाता रहेगा। ऐसे प्रभु प्यार, दिल का प्यार हर एक नम्बरवार अनुभव कर चल रहा है और हर एक बच्चे के दिल में उमंग-उत्साह है लेकिन नम्बरवार कि बाप के समान बनना ही है। सबको उमंग है ना! बाप समान बनना है ना! बन रहे हैं और आगे भी बनेंगे। हाथ उठाओ। बाप का भी दिल से प्यार है, सदा बच्चों के गुण गाते हिं वाह बच्चे वाह! बढ़ रहे हैं और बढ़ते रहो। देखो, सारे विश्व में बापदादा के सम्बन्ध का प्रैक्टिकल में अनुभव करने वाले कितने और कौन हैं! तो आप सभी प्रत्यक्ष प्रमाण हो, दिल से प्यार है और प्यार की पालना से आगे से आगे बढ़ रहे हैं। सभी प्यार की पालना से आगे बढ़ रहे हैं या कोई बीच में विघ्न आता है तो रूकते तो नहीं है? बापदादा ने देखा आगे बढ़ने का संकल्प काफी बच्चों में है, चाहे कितनी भी छोटी-मोटी रूकावटें आये लेकिन बापदादा ने देखा मैजारिटी बच्चे बाप के प्यार और नॉलेज के आधार से अच्छे आगे बढ़ रहे हैं और बढ़ते रहेंगे। बापदादा आप बच्चों को देखकर एक बात में बहुत खुश होते, वह कौन सी बात? चाहे बातें कितनी भी आयें लेकिन निर्भय बन मैजारिटी आगे बढ़ रहे हैं। बापदादा बच्चों का लक्ष्य और लक्षण देख खुश है इसलिए कभी भी किसी भी वायुमण्डल को देख उसके प्रभाव में न आकर बाप के स्नेह और सहयोग से काफी आगे बढ़ भी रहे हैं और बढ़ते रहना। एक दो को देख उनकी विशेषता को देखो, दूसरी बातों को नहीं देखो। आगे बढ़ना ही है, बोली सबको यह लक्ष्य है आगे बढ़ना ही है! वह हाथ उठाओ। एक दो की कमज़ोरी की बातें सुनते भी जैसे नहीं सुनो। खुद को भी आगे बढ़ाओ और साथियों को भी आगे बढ़ाते चलो। बापदादा ऐसे बच्चे भी देख रहे हैं, अच्छा पुरुषार्थ कर रहे हैं लेकिन तीव्र पुरुषार्थ की लहर सदा अपने में लाते हुए औरों को भी तीव्र पुरुषार्थी की लहर में लाओ। उमंग-उत्साह में लाओ, सहयोगी बनो। पुरुषार्थहीन के वायुमण्डल में नहीं आकर उन्हों को भी उमंग उत्साह में लाओ। बीच-बीच में किसी-किसी आत्माओं को पुरुषार्थ में थकावट अनुभव होती है, बापदादा देखते हैं लेकिन स्वयं पुरुषार्थ में तीव्र रहने वाले औरों को भी पुरुषार्थ में आगे बढ़ाओ। वायुमण्डल दिनचर्या का ऐसे बनाओ जो सभी पुरुषार्थ के उमंग-उत्साह से बढ़ते भी चले, बढ़ाते भी चले क्योंकि एक दो के साथी हो ना। तो सबके प्रति शुभ भावना के आधार से बढ़ते चलो, उमंग-उल्हास अपने अनुभव का सुनाते हुए एक दो के सहयोगी बनो। 

बापदादा ने देखा मैजारिटी पुरुषार्थ की लहर में ठीक चल रहे हैं लेकिन पुरुषार्थ में ढीले साथी होने के कारण थोड़ा-थोड़ा असर पड़ जाता है, वह अटेंशन दो। हमें नम्बरवन या नम्बर आठ तक आना ही है। सबको उमंग है, आठ के अन्दर रहेंगे ना कि पीछे जायेंगे। जो समझते हैं हम विजयी बनेंगे, हैं और बनेंगे भी। वह हाथ उठाओ। हाथ तो सभी बहुत अच्छा उठाते हैं, उसका शुक्रिया हो लेकिन हाथ सदा उठाते रहना, कभी-कभी नहीं। वायुमण्डल क्या भी बनें लेकिन आप अपने वायुमण्डल से वायुमण्डल को परिवर्तन करो। वायुमण्डल में आओ नहीं, आगे बढ़ो।

और आगे बढ़ाते चलो। एक दो के साथी हैं ना! तो सदा देना अर्थात् आगे बढ़ाना। तो आगे बढ़ते चलो। अब हर एक बच्चा किस लक्ष्य में है। तीव्र पुरुषार्थी। ढीला पुरुषार्थी नहीं। ठीक हो जायेगा, ठीक हो जायेगा, यह नहीं सोचो। ठीक होना ही है क्योंकि बाप से प्यार है ना। बाप से प्यार है तो बाप को किससे प्यार है? तीव्र पुरुषार्थी बच्चों से। तो आप क्या बनेंगे? तीव्र पुरुषार्थी, जो समझते हैं तीव्र पुरुषार्थी बन औरों के भी सहयोगी बनेंगे, वह हाथ उठाओ। हाथ उठाने में तो होशियार हैं, बापदादा खुश है। हिम्मत तो रखी ना! तो हिम्मते बच्चे मददे खुदा। जरूर मदद मिलेगी। सिर्फ इच्छा रखो बस बनना ही है, करना ही है, पुरुषार्थहीन नहीं, पुरुषार्थ। बापदादा खुश होते हैं, कोई कोई बच्चा अभी भी देखते हैं पुरुषार्थ में बातें आते थोड़ा कमज़ोर बन जाते लेकिन नहीं, बहादुर बनो, बहादुर बनाओ। कम से कम जो रेग्युलर आने वाले हैं उन्हों को तीव्र पुरुषार्थ का लक्ष्य है, ऐसे नहीं है लक्ष्य नहीं है, है लक्ष्य लेकिन बीच में कोई बातें आने से थोड़ा पुरुषार्थ की बातें सोचते हैं लेकिन करने मे थोड़े ढीले पड़ जाते हैं। 

तो रोज अमृतवेले चेक करो कि मेरे पुरुषार्थ की गति तीव्र है या चल रहे हैं, पहुँच ही जायेंगे, हो ही जायेगा, ऐसे संकल्प तो नहीं रखते! तीव्र पुरुषार्थी बनो। पुरुषार्थी तो हैं लेकिन चेक करो तीव्र पुरुषार्थी हैं? बापदादा को प्रिय कौन लगते हैं? तीव्र पुरुषार्थी। तो हर एक बच्चे को क्या बनना है? तीव्र पुरुषार्थी बनना है? हाथ उठाओ। बनना है, बनना है या बनके चल रहे हो? यह लक्ष्य कभी भी नहीं छोड़ना, तीव्र पुरुषार्थी रहना ही है, औरों को भी साथ देना है। यह लक्ष्य है, जिसके दिल में यह लक्ष्य है वह हाथ उठाओ। अच्छा हाथ तो सभी उठाते हैं। चलो। थोड़ा ठण्डा है तो तीव्र कर देना क्योंकि दिनप्रतिदिन माया भी अपना काम करती रहती है। लेकिन आप सब बच्चे कौन हो? आपका टाइटल क्या है? मायाजीत। कौन मायाजीत बनने वाले हैं, वह हाथ उठाओ। सभी ने हाथ उठाया है। बापदादा को खुशी होती है कि हिम्मत तो है, हिम्मते बच्चे मददे बाप तो है ही। हिम्मत नहीं हारना। बापदादा का सहयोग पहले है। हिम्मत हारा तो सब गया। हिम्मत है तो हिम्मते बच्चे मदद बाप है ही। तो ठीक है ! हिम्मत वाले हो, वह हाथ उठाओ। कई तो दो-दो उठा रहे हैं। अच्छा है, हाथ उठाना तो सहज है लेकिन पुरुषार्थ का हाथ भी उठाना। बापदादा खुश होते हैं जब बच्चों में उमंग उल्हास की लहर होती है क्योंकि हर एक बच्चे का लक्ष्य है नम्बरवन होने का। है ना ! नम्बर टू तो नहीं बनना है ना ! जो समझते है नहीं नम्बरवन होना ही है, वह हाथ उठाओ। हाथ तो सभी उठा रहे हैं। हाथ तो अच्छा उठा रहे हैं। बापदादा खुश है आपका हाथ उठाना देख खुश है लेकिन खुश करते रहना। अच्छा है,

आज टर्न किसका है? 

इन्दौर और भोपाल जोन की सेवा का टर्न है:- (10 हजार हैं) आधा क्लास तो यही है। (इस टर्न में 26 हजार हैं। सबसे बड़ा ग्रुप है) तो सक्सेस है। मुबारक हो। जो टर्न वाले हैं वह हाथ उठाओ। अच्छा है। हिम्मते बच्चे मददे बाप है। अच्छा है। हमेशा हिम्मत हर कार्य में रखना चाहिए। हम नहीं करेंगे तो कौन करेगा ! हम ही तो हैं, ऐसे हैं ना ! हम ही तो हैं और बापदादा खुश होते हैं कि हिम्मत से मदद भी मिल जाती है। अच्छा है। मुबारक हो, मुबारक हो। 

डबल विदेशी भाई बहिनें:- बापदादा सभी बच्चों पर तो खुश है ही लेकिन फारेनर्स ने अच्छा सभा का भाग्य स्पष्ट किया है। डबल फारेनर्स को बाबा देख खुश है कि कोई भी ऐसा टर्न नहीं हुआ जिसमें फारेनर्स हाथ नहीं उठाये। और अच्छी संख्या में आते हैं इसलिए मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो। अच्छा। 

मधुवन निवासियों से:- अच्छा है, मधुबन वालों का निमन्त्रण होता है ना, इसलिए मधुबन वाले भी अच्छी सेवा कर रहे हैं। सेवा की रिजल्ट अच्छी है। बापदादा खुश है कि मधुबन निवासी अच्छा ध्यान हर एक डिपार्टमेंट में दे रहे हैं इसलिए मुबारक हो, मुबारक हो मधुबन वालों को। अच्छा। 

पहली बार बहुत आये हैं:- आधा क्लास पहली बारी आये हैं। अच्छी तरह से हाथ उठाओ। अच्छा। 

चारों ओर के विशेष भाई बहिनें, जो सदा डायरेक्शन पर अटल हैं, ऐसे बच्चे भी बापदादा के पास नोट हैं। जो हर कार्य में आगे बढ़ते हैं तो बापदादा नोट करते हैं, भिन्न-भिन्न कार्य में वही आत्मायें हैं जो हाथ उठाते हैं। अच्छा है। ऐसे पुरुषार्थी बच्चे भी बापदादा देखते हैं, उन्हों को विशेष बहुत-बहुत-बहुत दिल से यादप्यार स्वीकार हो। 

दादी जानकी जी ने खास याद दी है, तबियत ठीक नहीं है, कमरे में सुन रही हैं - जनक बच्ची को विशेष यादप्यार दे रहे हैं। आप सबकी तरफ से याद दे रहे हैं क्योंकि दिल तो उनकी यहाँ है, बाकी शरीर वहाँ है। सारी सभा उनके सामने है। अच्छे पुरुषार्थ में नम्बर ले रही है। तो बीमारी में भी नम्बरवन लिया है। नहीं तो कभी मिस करने वाली नहीं है। बापदादा बहुत-बहुत दिल से प्यार दे रहे हैं। आप सबको भी। (दादी जानकी कहती है बाबा ऐसा जादू कर दे जो मैं सम्मुख आ जाऊं) अभी उठना ठीक नहीं है। दर्द है ना। 

मोहिनी बहन:- यह भी हिम्मत रखती है, मुबारक हो। बढ़ाता रहेगा। 

ईश दादी:- एवररेडी है। हर कार्य में हाँ जी, हाँ जी। अच्छा है। पार्ट अच्छा बजा रही है। 

रूकमणी दादी:- ठीक है ना। अच्छी है, हिम्मत रखके इतना बढ़ी है। अच्छा है। सभी दिल्ली वालों को बहुत-बहुत मुबारक हो, हर कार्य में ध्यान रखते हैं, एवररेडी। 

(निर्वैर भाई ने कहा मीटिंग के टाइम भी बापदादा को आना है, हमारी रिक्वेस्ट है) देखेंगे। 

बृजमोहन भाई:- अच्छा चल रहा है, धीरे धीरे बढ़ेगा। 

गामदेवी सेन्टर की गोल्डन जुबली है:- गामदेवी तो फाउण्डेशन है। अच्छा चलाया है, (सबने याद दी है) सबको बहुत बहुत यादप्यार देना। 

गाडली स्ट्रडियो में डबल विदेशियों की सेवाओं का समाचार देने का बनाया है:- बहुत अच्छा। 

कलकत्ता बांगुर सेवाकेन्द्र की सिल्वर जुबली है:- सभी की तरफ से बापदादा मुबारक दे रहे हैं। मुबारक हो। (हाल के बाहर बगीचे में, कांफ्रेंस हाल में भी बहुत से भाई बहिनें बैठे हैं) चारों ओर के जहाँ जहाँ भी बच्चे देख रहे हैं, बापदादा भी आप सबको देख करके यादप्यार दे रहे हैं और गुडनाइट कर रहे हैं।